Lokmanya Tilak

CURRENT AFFAIRS - 26/07/2024

Lokmanya Tilak

Lokmanya Tilak


The Prime Minister recently paid tributes to Lokmanya Tilak on his birth anniversary.

CURRENT AFFAIRS - 26/07/2024

About Lokmanya Tilak:

  • Bal Gangadhar Tilak, commonly known as Lokmanya Tilak, was a prominent Indian nationalist, freedom fighter, social reformer, and political leader during the Indian independence movement.
  • He was one of the prime architects of modern India and probably the strongest advocate of Swaraj, or Self Rule for India.
  • He is known for his slogan, “Swaraj is my birthright, and I shall have it.”
  • He was born as Keshav Gangadhar Tilak, and his followers bequeathed upon him the title of ‘Lokmanya’, meaning he who is revered by the people.
  • Extremist:
    • He was considered aradical Nationalist.
    • The British Government termed him the “Father of Indian Unrest”.
  • Organisations:
    • He joined the Indian National Congress Party in 1890.
    • He also helped found the All India Home Rule Leaguein 1916–18 with G. S. Khaparde and Annie Besant.
      • Tilak started his Home Rule League in Maharashtra, Central Provinces, and Karnataka and Berar region.
      • Besant’s League was active in the rest of India.
      • It aimed to advocate for self-rule and raise public awareness about India’s right to govern itself.
    • Literary works:
      • Tilak was a prolific writer and journalist.
      • He used his newspaper, “Kesari” (meaning Lion) in Marathi and later “Maratha” in English, to disseminate nationalist ideas.
      • Some of his notable literary works include “The Arctic Home in the Vedas,” where he presented his theory that the Vedas originated in the Arctic region, and “Shrimad Bhagavad Gita Rahasya,” an interpretation of the Bhagavad Gita from a nationalist perspective.
    • Educationist:
      • Tilak believed in the power of education and established the Deccan Education Society in Pune in 1884.
      • The society founded Fergusson Collegeand the New English School, which played crucial roles in promoting modern education in Maharashtra.
      • Tilak taught mathematics at Fergusson College.
    • Social Reform: Lokmanya Tilak was also an advocate of social reform. He actively supported the eradication of social evils like untouchability and child marriage and promoted education for women.
    • Lal-Bal-Pal: He had popular leaders such as Bipin Chandra Pal and Lala Lajpat Rai as his political companions, and the three were popularly known as the ‘Lal-Bal-Pal triumvirate.’
    • Imprisonments: He was arrested for sedition on multiple occasions. His most prolonged incarceration lasted from 1908 to 1914, during which he wrote the famous book “Gita Rahasya” (The Secret of the Bhagavad Gita).
    • In 1916, he concluded the Lucknow Pact with Mohammed Ali Jinnah, which provided for Hindu-Muslim unity in the nationalist struggle.

लोकमान्य तिलक

प्रधानमंत्री ने हाल ही में लोकमान्य तिलक को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

लोकमान्य तिलक के बारे में:

  • बाल गंगाधर तिलक, जिन्हें आमतौर पर लोकमान्य तिलक के नाम से जाना जाता है, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान एक प्रमुख भारतीय राष्ट्रवादी, स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और राजनीतिक नेता थे।
  • वे आधुनिक भारत के प्रमुख वास्तुकारों में से एक थे और संभवतः स्वराज या भारत के लिए स्वशासन के सबसे मजबूत समर्थक थे।
  • वे अपने नारे के लिए जाने जाते हैं, “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूँगा।” उनका जन्म केशव गंगाधर तिलक के रूप में हुआ था, और उनके अनुयायियों ने उन्हें ‘लोकमान्य’ की उपाधि दी, जिसका अर्थ है वह जो लोगों द्वारा पूजनीय हो।

उग्रवादी:

  • उन्हें कट्टर राष्ट्रवादी माना जाता था।
  • ब्रिटिश सरकार ने उन्हें “भारतीय अशांति का जनक” कहा था।

संगठन:

  •  वे 1890 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए।
  • उन्होंने 1916-18 में जी.एस. खापर्डे और एनी बेसेंट के साथ अखिल भारतीय होम रूल लीग की स्थापना में भी मदद की।
  • तिलक ने महाराष्ट्र, मध्य प्रांत और कर्नाटक और बरार क्षेत्र में अपनी होम रूल लीग शुरू की।
  • बेसेंट की लीग शेष भारत में सक्रिय थी।
  • इसका उद्देश्य स्वशासन की वकालत करना और भारत के खुद पर शासन करने के अधिकार के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना था।

साहित्यिक कार्य:

  • तिलक एक विपुल लेखक और पत्रकार थे।
  • उन्होंने राष्ट्रवादी विचारों को फैलाने के लिए मराठी में अपने समाचार पत्र “केसरी” (जिसका अर्थ है शेर) और बाद में अंग्रेजी में “मराठा” का इस्तेमाल किया।
  • उनकी कुछ उल्लेखनीय साहित्यिक कृतियों में “वेदों में आर्कटिक होम” शामिल है, जहाँ उन्होंने अपना सिद्धांत प्रस्तुत किया कि वेदों की उत्पत्ति आर्कटिक क्षेत्र में हुई थी, और “श्रीमद्भगवद्गीता रहस्य”, जो राष्ट्रवादी दृष्टिकोण से भगवद्गीता की व्याख्या है।

शिक्षाविद्:

  • तिलक शिक्षा की शक्ति में विश्वास करते थे और उन्होंने 1884 में पुणे में डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना की।
  • इस सोसाइटी ने फर्ग्यूसन कॉलेज और न्यू इंग्लिश स्कूल की स्थापना की, जिसने महाराष्ट्र में आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • तिलक ने फर्ग्यूसन कॉलेज में गणित पढ़ाया।
    • सामाजिक सुधार: लोकमान्य तिलक सामाजिक सुधार के भी समर्थक थे। उन्होंने अस्पृश्यता और बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों के उन्मूलन का सक्रिय रूप से समर्थन किया और महिलाओं के लिए शिक्षा को बढ़ावा दिया।
    • लाल-बाल-पाल: उनके राजनीतिक साथी बिपिन चंद्र पाल और लाला लाजपत राय जैसे लोकप्रिय नेता थे और तीनों को लोकप्रिय रूप से ‘लाल-बाल-पाल त्रिमूर्ति’ के रूप में जाना जाता था।
    • कारावास: उन्हें कई मौकों पर राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उनकी सबसे लंबी कैद 1908 से 1914 तक चली, जिसके दौरान उन्होंने प्रसिद्ध पुस्तक “गीता रहस्य” (भगवद गीता का रहस्य) लिखी।
    • 1916 में, उन्होंने मोहम्मद अली जिन्ना के साथ लखनऊ समझौता किया, जिसने राष्ट्रवादी संघर्ष में हिंदू-मुस्लिम एकता प्रदान की।